UPSC Gk Questions Answers In Hindi,Notes For UPSC CSE 2022
बौद्ध संगीतियाँ
सभा | काल | अध्यक्ष |
प्रथम | 483 ई.पू. | महाकस्सप |
द्वितीय | 383 ई.पू. | सब्बकामी |
ततीय | 250 ई.पू. | मोग्गलिपुत्त तिस्स |
चतुर्थ | 72 ई. | वसुमित्र |
सभा | स्थान स्थान | शासनकाल |
प्रथम | राजगृह | अजातशत्रु |
द्वितीय | वैशाली | कालाशोक |
ततीय | पाटलिपुत्र | अशोक |
चतुर्थ | कुण्डलवन | कनिष्क |
सिख गुरू द्वारा किये अहम कार्य
गुरु नानक | सिख धर्म की स्थापना |
गुरु अंगद | गुरुमुखी लिपि के जनक |
गुरुअमरदास | 22 गद्दियों की स्थापना |
गुरु रामदास | अमृतसर की स्थापना |
गुरु अर्जुन देव | हरमन्दिर साहब (स्वर्ण मन्दिर) |
गुरु हरगोविन्द | निर्माण आदिग्रन्थ का संकलन |
गुरु हरराय | अकालतख्त की स्थापना |
गुरु हरकिशन | दाराशिकोह की सहायता |
गुरु तेगबहादुर | कम आयु में निधन |
गुरु गोविन्द सिंह | खालसा पंथ की स्थापना |
प्रधानमंत्री वय वन्दना योजना
- प्रधानमंत्री वय वंदना योजना का शुभारंभ अनिश्चित बाजार स्थितियों के कारण 60 वर्ष से अधिक आयु के वृद्धों की ब्याज आय में भविष्य में होने वाली कमी के प्रति सुरक्षा प्रदान करने के साथ-साथ तथा उन्हें सामाजिक सुरक्षा उपलब्ध कराने के लिए किया गया था। इस योजना को भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के माध्यम से कार्यान्वित किया जा रहा है और यह योजना अभिदान के लिए 31 मार्च, 2023 तक खुली है।
- पीएमवीवीवाई में 10 वर्ष की पॉलिसी अवधि के लिए वित्तीय वर्ष 2020-21 के संबंध में 7.40% प्रतिवर्ष के प्रतिलाभ का प्रस्ताव किया गया है।
- इसके बाद के वर्षों में इस स्कीम के परिचालन में रहने पर इस अवसीमा की समाप्ति पर इस स्कीम का नए सिरे से मूल्यांकन करके 7.75% की अधिकतम सीमा के तथा वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (एससीएसएस) प्रतिलाभ की लागू दर के अनुरूप वित्तीय वर्ष के 1 अप्रैल से प्रतिलाभ की सुनिश्चित दर का वार्षिक आधार पर पुनर्निर्धारण किया जाएगा।
- इस योजना के अंतर्गत पेंशन का भुगतान ग्राहक द्वारा दिए गए विकल्प के आधार पर मासिक, त्रैमासिक, अर्द्धवार्षिक अथवा वार्षिक आधार पर किया जाता है। योजना के अंतर्गत न्यूनतम 1000 रुपये मासिक पेंशन के लिए न्यूनतम खरीद मूल्य 162,162 रुपये तथा 9,250 रुपए की प्रतिमाह पेंशन राशि प्राप्त करने के लिए अधिकतम खरीद मूल्य 15 लाख रुपए प्रति वरिष्ठ नागरिक है।
कार्य आवंटन नियम 1961
- भारत के मुख्य न्यायाधीश और भारत के उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति, त्यागपत्र और पद से हटाना, उनका वेतन, अनुपस्थिति की अनुमति (छुट्टी भत्ते सहित) के बारे मे अधिकार, पेंशन और यात्रा भत्ते ।
- राज्यों के उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीश और न्यायाधीशों की नियुक्ति, त्यागपत्र और पद से हटाना, उनके वेतन, अनुपस्थिति की अनुमति (छुट्टी भत्ते सहित) के बारे मे अधिकार, पेंशन और यात्रा भत्ते। संघ राज्य क्षेत्रों में न्यायिक आयुक्तों और न्यायिक अधिकारियों की नियुक्ति ।
- उच्चतम न्यायालय का संघटन और गठन (अधिकारिता और शक्तियों छोड़कर) (लेकिन इस प्रकार के न्यायालय की मानहानी सहित) और उसमें लिया जाने वाला शुल्क
- उच्च न्यायालयों और न्यायिक आयुक्तों के न्यायालयों के अधिकारियों और सेवकों के प्रावधानों को छोड़कर इन न्यायालयों का संघटन और गठन संघ राज्य क्षेत्रों में न्याय का प्रशासन और न्यायालयों का संघटन और गठन तथा इस प्रकार के न्यायालयों में लिया जाने वाला शुल्क संघ राज्य क्षेत्रों में न्यायालय शुल्क और स्टाम्प ड्यूटी। अखिल भारतीय न्यायिक सेवा का सृजन ।
- जिला न्यायाधीशों और संघ राज्य क्षेत्रों की उच्चतर न्यायिक सेवा के अन्य सदस्यों की सेवा संबंधी शर्तें। किसी उच्च न्यायालय के क्षेत्राधिकार का किसी संघ राज्य क्षेत्र तक विस्तार करना अथवा किसी उच्च न्यायालय के क्षेत्राधिकार से किसी संघ राज्य क्षेत्र को बाहर रखना।
- गरीबों को विधिक सहायता। न्याय का प्रशासन न्याय प्रदायगी तक पहुंच और विधिक सुधार।
स्टेचुअरी लिक्विडिटी रेश्यो (SLR)
- रिजर्व बैंक अर्थव्यवस्था में नकदी की स्थिति को नियंत्रित करने के लिए जिन उपायों का सहारा लेता है उनमें एसएलआर एक महत्वपूर्ण उपाय है।
- स्टेचुअरी लिक्विडिटी रेश्यो या वैधानिक तरलता अनुपात बैंकों के पास उपलब्ध जमा का वह हिस्सा होता है, जोकि उन्हें अपनी जमा पर लोन जारी करने के पहले अपने पास रख लेना जरूरी होता है।
- एसएलआर नकदी, स्वर्ण भंडार, सरकारी प्रतिभूतियों जैसे किसी भी रूप में हो सकता है। जब बैंक इस अनुपात को सुरक्षित रख लेते हैं, उसके बाद ही उन्हें अपनी जमा पर लोन जारी करने की अनुमति होती है। एसएलआर का यह अनुपात कितना होगा, इसका निर्धारण रिजर्व बैंक करता है।
- भारत में एसएलआर की अधिकतम सीमा 40 फीसदी तक रह चुकी है।
- रिजर्व बैंक को बैंकों के लिए एसएलआर की सीमा 40 फीसदी और न्यूनतम शुन्य फीसदी तक भी रखने का अधिकार है।
|आप पर क्या पड़ता है असर?
- एसएलआर से बैंकों के कर्ज देने की क्षमता नियंत्रित होती है। अगर कोई बैंक मुश्किल परिस्थिति में फंस जाता है तो रिजर्व बैंक एसएलआर की मदद से ग्राहकों के पैसे की कुछ हद तक भरपाई कर सकता है
गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) विधेयक, 2019
- मूल अधिनियम के अनुसार केंद्र सरकार किसी संगठन को आतंकवादी करार दे सकती है यदि यह : i) आतंक की कार्रवाई करता है अथवा उसमें शामिल होता है ii) आतंकवाद के लिए तैयारी करता है iii) आतंकवाद को बढ़ावा देता है, अथवा iv) किसी भी रूप में आतंकवाद से जुड़ा हुआ है।
- पारित संशोधन में यह अतिरिक्त प्रावधान किया गया है कि सरकार चाहे तो इन्हीं आधारों पर किसी व्यक्ति विशेष को भी आतंकवादी घोषित कर सकती है।
- सम्पत्ति की जब्ती का अनुमोदन: विवेचना यदि राष्ट्रीय अन्वेषण एजेंसी (NIA) के अधिकारी ने की है तो सम्पत्ति की जब्ती का अनुमोदन NIA का महानिदेशक करेगा। इसके लिए उस सम्पत्ति का आतंकवाद से जुड़ा होना आवश्यक होगा।
- NIA द्वारा अन्वेषण मूल अधिनियम के अनुसार मामलों का अन्वेषण उपाधीक्षक अथवा सहायक पुलिस आयुक्त अथवा उससे ऊपर की श्रेणी का अधिकारी करेगा। नए संशोधन के अनुसार, इनके अतिरिक्त NIA के अधिकारी भी अन्वेषण का कार्य कर सकते हैं यदि वे निरीक्षक की श्रेणी अथवा उससे ऊपर की श्रेणी के हों।
- अधिनियम में संधियों की अनुसूची जोड़ना: मूल अधिनियम में ऐसी संधियों की एक अनुसूची दी गई है जिसके उल्लंघन को भी आतंकी कार्रवाई के रूप में परिभाषित किया गया है. इस अनुसूची में सब मिलाकर 9 संधियाँ हैं जिनमें प्रमुख हैं- आतंकी बम विस्फोट को दबाने की संधि (1997) और बंधक बनाने के विरुद्ध संधि (1979) ।
राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग (एनसीबीसी)
राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग (एनसीबीसी) सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के तहत एक वैधानिक संस्था थी। इसकी स्थापना 14 अगस्त 1993 को हुई थी। राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग (एनसीबीसी) अधिनियम 1993 के अनुरूप इंदिरा साहनी मामले में माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के आधार पर हुआ था ।
एनसीबीसी, संविधान के अनुच्छेद 338(10) के साथ अनुच्छेद 338(5) अनुसार, पिछड़े वर्गों से जुड़े लोगों की सभी शिकायतों, अधिकारों एवं सुरक्षा उपायों पर विचार करने के लिए सक्षम संस्था है।
राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग (एनसीबीसी) की सलाह पर 25 राज्यों और 6 केंद्र शासित प्रदेशों के लिए अब तक कुल 2479 ‘प्रविष्टियां’ अन्य पिछड़ा वर्ग की केंद्रीय सूची में अधिसूचित की जा चुकी हैं।
अध्यक्ष
- 1993 आरएन प्रसाद
- 1997- श्याम सुंदर
- 2000 बीएल यादव
- 2002 राम सूरत सिंह
- 2005- एस रत्नवेल पांडियन
- 2010- एमएन राव
राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA)
क्या है राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA)
- राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम 1980, देश की सुरक्षा के लिए सरकार को अधिक शक्ति देने से संबंधित एक कानून है।
- 23 सितंबर, 1980 को इंदिरा गांधी की सरकार के दौरान इसे बनाया गया था।
- यह कानून केंद्र और राज्य सरकार को संदिग्ध व्यक्ति को हिरासत में लेने की शक्ति देता है। यदि सरकार को लगता है कि कोई व्यक्ति कानून व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने में
- उसके सामने बाधा खड़ी कर रहा है या वह उन्हें देश की सुरक्षा सुनिश्चित करने वाले कार्यों को करने से रोक रहा है तो वह उसे हिरासत में लेने का आदेश दे सकती है। इस कानून का इस्तेमाल जिलाधिकारी, पुलिस आयुक्त, राज्य सरकार अपने सीमित दायरे में भी कर सकती है। राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत किसी भी संदिग्ध व्यक्ति को बिना किसी आरोप के 12 महीने तक जेल में रखा जा सकता है।
- राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत भीम आर्मी के चीफ चंद्रशेखर को कई महीने तक जेल में रखा गया था। वहीं इस कानून के तहत मणिपुर के पत्रकार किशोरचंद्र वांगखेम को जेल में रखा गया था। सोशल मीडिया पर सरकार की आलोचना करने पर उन्हें नवंबर 2018 में गिरफ्तार किया गया था। वह 133 दिन जेल में रहे थे।
ध्रुवीय भंवर‘ध्रुवीय
भंवर’ क्या होते है?
ध्रुवीय भंवर (Polar Vortex), ध्रुवों पर निम्न वायुदाब का एक चक्कर काटता हुआ शंक्वाकार वायुक्रम होता है, जोकि सर्दियों के महीनों में, ध्रुवीय क्षेत्रों और मध्य-अक्षांशों, जैसे अमेरिका और यूरोप के मध्य तापान्तर में वृद्धि होने के कारण काफी सशक्त हो जाता है।
‘ध्रुवीय भंवर’ की विशेषताएं:
- आमतौर पर, भंवर की मजबूत स्थिति में, ठंडी हवाओं के उत्तरी अमेरिका या यूरोप के भीतरी क्षेत्रों में प्रवेश करने की संभावना कम होती है।
- लेकिन कभी-कभी, वातावरण की निचली सतह से ऊपर की ओर उठने वाली उर्जा तरंगों के कारण ध्रुवीय भंवर अस्थिर होकर कमजोर हो जाता है। ऐसी स्थिति में समताप मंडल तेजी से गर्म होने लगता है, इस घटना को आकस्मिक समतापमंडलीय उष्मन कहा जाता है।
- इस उष्मन से ध्रुवीय भंवर की स्थिति कमजोर हो जाती है, और इसकी स्थिति उत्तरी ध्रुव के दक्षिण में स्थानांतरित हो जाती है।
ध्रुवीय भंवर के प्रभाव:
- वायुमंडल के कुछ उपरी भागों में धुर्वीय भंवर के विभाजन से आकस्मिक और विलंबित, दोनों प्रकार के प्रभाव देखने को मिल सकते हैं।
- इसके परिणामस्वरूप, अधिकांशतः पूर्वी अमेरिका तथा उत्तरी और पश्चिमी यूरोप में तापमान गिरावट और सर्दियों की चरम स्थिति होती है।
- आकस्मिक समतापमंडलीय उष्मन से आर्कटिक के ऊपर समतापमंडल के साथ-साथ क्षोभ-मंडल में भी तापमान वृद्धि होती है।
- आर्कटिक के गर्म होने की बजह से उत्तरी गोलार्ध में पूर्वी अमेरिका सहित मध्य अक्षांशों तक अत्याधिक गंभीर सर्दियों के मौसम की स्थितियां बन जाती है।
रिहन्द बाँध परियोजना
- रिहन्द बाँध परियोजना उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिलेतथा मध्य प्रदेश की सीमा पर पिपरी नामक स्थान पर सोन नदी की सहायक रिहन्द नदी पर बनाया गया है।
- सोन नदी अमरकंटक चोटी से निकलकर बिहार में गंगा नदी से मिल जाती है।
- इस परियोजना के अन्तर्गत 90 मीटर ऊँचा और 930 मीटर लम्बा कंक्रीट बाँध बनाया गया है तथा गोविन्द वल्लभ पन्त सागर नामक कृत्रिम झील का निर्माण भी किया गया है।
- यह भारत की सबसे बड़ी कृत्रिम झील है। रिहन्द बाँध को ओबरा परियोजना भी कहते हैं।
- गोविन्द वल्लभ पन्त सागर भारत के मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश की सीमा पर स्थित है।
दामोदर घाटी परियोजना
- दामोदर नदी छोटा नागपुर पठार से प्रवाहित होती है और हुगली नदी में मिल जाती है।
- हुगली नदी गंगा नदी की प्रमुख वितरिका है, जो बंगाल में गंगा नदी से अलग होकर दक्षिण की ओर मुड़ जाती है।
- दामोदर नदी दो राज्यों झारखण्ड और पश्चिम बंगाल में प्रवाहित होती है।
- मानसून काल में छोटा नागपुर पठार पर वर्षा होती है, परन्तु दामोदर नदी के द्वारा पश्चिम बंगाल में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो जाती है, यही कारण है कि दामोदर नदी को बंगाल का शोक कहा जाता है।
- पश्चिम बंगाल में बाढ़ की समस्या के समाधान के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका की टोनेसी घाटी परियोजना (1933) के आधार पर संयुक्त विकास के लिए 1948 में दामोदर घाटी निगम (DVC) की स्थापना की गयी।
- दामोदर घाटी निगम ने इस समस्या को रोकने के लिए आठ बाँध बनाये जिसमें कोनार, मेथान, तिलैया और पंचेतहिल बाँध प्रमुख हैं।
कोसी परियोजना
- कोसी नदी तिब्बत के पठार से निकलती है और नेपाल से होते हुए बिहार में प्रवाहित होती है।
- कोसी नदी बिहार के भागलपुर जिले में गंगा नदी से मिलती है।
- कोसी नदी हिमालय से बहाकर लाए गए अवसादों से मैदानी क्षेत्र में आकर अपने मार्ग को अवरूद्ध कर लेती है और अपना मार्ग बदल लेती है, जिसे विसर्पण कहते हैं ।
- कोसी नदी को बिहार का शोक कहते हैं।
- बिहार में कोसी नदी से उत्पन्न इस समस्या से समाधान प्राप्त करने के लिए हनुमान नगर नामक स्थान पर एक बाँध बनाया गया है, जिसे हनुमान नगर बैराज कहते हैं।
भाखड़ा नांगल परियोजना
- पंजाब में सतलज नदीके पानी को रोक कर दो बाँध बनाए गए भाखड़ा (हिमाचल प्रदेश) और नांगल (पंजाब) | इसे संयुक्त रूप से भाखड़ा नांगल बाँध कहते हैं।
- भाखड़ा नांगल बाँध के पीछे जिस जलाशय का निर्माण हुआ है उसे गोविन्द सागर झील (जलाशय) कहते हैं
- भाखड़ा बाँध विश्व का सबसे ऊँचा गुरूत्वीय बाँध (226 मीटर) है |
- भाखड़ा नांगल परियोजना तीन राज्यों- पंजाब, हिमाचल प्रदेश और राजस्थान की संयुक्त परियोजना है।
- हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और केन्द्रशासित प्रदेश दिल्ली को इस परियोजना का लाभ मिला है।
- भाखड़ा नांगल बाँध एशिया का दूसरा सबसे बड़ा बाँध है, जिसकी ऊँचाई 226 मीटर है। इससे ऊँचा एकमात्र टिहरी बाँध (261 मीटर) है।
- गोविन्द सागर झील (जलाशय) की गिनती मध्य प्रदेश के इंदिरा सागर बाँध के बाद
- देश के दूसरे सबसे बड़े जल संग्रहण क्षेत्र के रूप में होती है।
सिख गुरू द्वारा किये अहम
गुरु नानक | सिख धर्म की स्थापना |
गुरु अंगद | गुरुमुखी लिपि के जनक |
गुरु अमरदास | 22 गद्दियों की स्थापना |
गुरु रामदास | अमृतसर की स्थापना |
गुरु अर्जुन देव | हरमन्दिर साहब (स्वर्ण मन्दिर) | निर्माण आदिग्रन्थ का संकलन |
गुरु हरगोविन्द | अकालतख्त की स्थापना |
गुरु हरराय | दाराशिकोह की सहायता |
गुरु हरकिशन | कम आयु में निधन |
गुरु तेगबहादुर | औरंगजेब ने फाँसी दी |
गुरु गोविन्द सिंह | खालसा पंथ की स्थापना |
अंग्रेजी शासन विद्रोह / नेता
आन्दोलन / विद्रोह | सम्बन्धित नेता / विद्रोह | |
1 | वहाबी आन्दोलन | सैयद अहमद बरेलवी |
2 | कोल आन्दोलन | नारायण राव |
3 | खासी विद्रोह | तीरथ सिंह |
4 | फैराजी आन्दोलन | शरीयतुल्ला |
5 | सामन्तवादी विद्रोह | फोंड सावंत |
6 | संथाल विद्रोह | सिद्धू कान्हू |
7 | चुआर विद्रोह | दुर्जन सिंह |
8 | वेलुथाम्पी विद्रोह | वेलुथारूपी |
9 | भील विद्रोह | सेवाराम |
10 | रामोसी विद्रोह | चित्तर सिंह |
11 | पागलपन्थी विद्रोह | टीपू |
12 | अहोम विद्रोह | गोमधर कुँवर |
13 | पावना विद्रोह | ईशानचन्द्र राय एवं शम्भूपाल |
14 | मोपला विद्रोह | अली मदालियर |
15 | कूका आन्दोलन | भगत जवाहरमल |
16 | रम्पा विद्रोह | सीताराम राजू |
17 | मुण्डा विद्रोह | बिरसा मुण्डा |
18 | नील आन्दोलन | दिगम्बर विश्वास |
19 | संन्यासी विद्रोह | केना सरकार, दिरजीनारायण |
राष्ट्रीय स्वतन्त्रता संग्राम के उद्बोधक नारे
वेदों की ओर लौटो। | महर्षि दयानन्द सरस्वती |
‘इन्कलाब जिन्दाबाद | सरदार भगत सिंह |
दिल्ली चलो। | नेताजी सुभाष चन्द्र बोस |
सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्तां हमारा | मोहम्मद इकबाल |
तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा। | नेताजी सुभाषचन्द्रबोस |
हिन्दी, हिन्दू, हिन्दोस्तान | भारतेंदु हरिश्रद्र |
हू लिव्स इफ इण्डिया डाइज | पं. जवाहरलाल नेहरू |
करो या मरो।” | महात्मा गाँधी |
पूर्ण स्वराज | पं. जवाहरलाल नेहरू |
जयहिन्द | नेताजी सुभाष चन्द्र बोस |
अंग्रेजों भारत छोड़ो | महात्मा गाँधी |
वन्देमातरम् । | बंकिमचन्द्र चटर्जी |
विजयी विश्व तिरंगा प्यारा | श्यामलाल गुप्ता |
स्वराज हमारा जन्मसिद्ध अधिकार लोकमान्य बाल | गंगाधर तिलक |
सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है। | रामप्रसाद ‘बिस्मिल’ |
मुगलकालीन पुस्तकें एवं उनके लेखक
हुमायूँनामा | गुलबदन बेगम |
आइन-ए-अकबरी | अबुल फजल |
पद्मावत | मलिक मुहम्मद जायसी |
तारीख-ए- रशीदी | मिर्जा हैदर दोगलत |
तोहफा-ए-अकबरशाही | अब्बास खाँ सरवानी |
अकबरनामा | अबुल फजल |
बादशाहनामा | अब्दुल हमीद लाहौरी |
मासिरे-आलमगीरी | मुस्तयाद खा |
रूकात-ए-आलमगीरी | औरंगजेब |
तबकात-ए-नासिरी | मिनहाज-उल-सिराज |
सुन्ताखेड-उल-तवारीख | बदायूँनी |
तारीख-ए-फरिश्ता | फरिश्ता |
समाचार-पत्र / प्रकाशक/ सम्पादक
समाचार-पत्र | प्रकाशक/सम्पादक |
बंगाली | सुरेन्द्रनाथ बनर्जी |
कविवचन सुधा | भारतेन्दु हरिश्चन्द्र |
भारत जीवन | रामकृष्ण वर्मा |
मराठा | बालगंगाधर तिलक |
वन्देमातरम् | अरविन्द घोष |
बॉम्बे क्रॉनिकल | फिरोजशाह मेहता |
बंगाल गजट | गंगाधर भट्टाचार्य |
दिग्दर्शन | मार्शमैन |
सोमप्रकाश | ईश्वरचन्द्र विद्यासागर |
अमृत बाजार पत्रिका | मोतीलाल घोष |
न्यू इण्डिया | ऐनी बेसेन्ट |
इण्डिपेन्डेन्ट्स | मोतीलाल नेहरू |
कलकत्ता जर्नल संवाद कौमुदी | जेम्स सिल्क बकिंघम |
मिरातल अखबार | राजा राममोहन राय |
उदन्त मार्तण्ड | राजा राममोहन राय |
बंगदत्त | जुगल किशोर |
गोफ्तार | द्वारकानाथ टैगोर दादाभाई नौरोजी |
द बंगाल गजट | जेम्स ऑगस्टस हिक्की |
कॉमरेड | मोहम्मद अली |
यंग इण्डिया | महात्मा गाँधी |
हरिजन | महात्मा गाँधी |
1857 ई. क्रान्ति के प्रमुख केन्द्र / नायक
केन्द्र | भारतीय नायक |
दिल्ली | बख्त खाँ |
कानपुर | नाना साहब तात्याँ टोपे |
लखनऊ | बेगम हजरत महल |
झाँसी | रानी लक्ष्मीबाई | |
इलाहाबाद | लियाकत अली |
जगदीशपुर | कुँवर सिंहखान |
बरेली | बहादुर खाँ |
फैज़ाबाद | मौलवी अहमदुल्ला |
फतेहपुर | अजीमुल्ला |
यूरोपीय कम्पनियाँ
स्थापना वर्ष | कम्पनी |
पर्तगाली ईस्ट इण्डिया कम्पनी | 1498 ई. |
अंग्रेजी ईस्ट इण्डिया कम्पनी | 1600 ई. |
डच ईस्ट इण्डिया कम्पनी | 1602 ई. |
डेनिश ईस्ट इण्डिया कम्पनी | 1616 ई. |
फ्रांसीसी ईस्ट इण्डिया कम्पनी | 1664 ई. |
स्वीडिश ईस्ट इण्डिया कम्पनी | 1731 ई. |
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