एमपीपीएससी पाठ्यक्रम MPPSC Syllabus 2022
राज्य सेवा परीक्षा के तीन क्रमिक चरण हैं
(1) मुख्य परीक्षा हेतु उम्मीदवारों के चयन के लिये राज्य सेवा प्रारंभिक परीक्षा (वस्तुनिष्ठ प्रश्न ओ. एम. आर. शीट आधारित); और
(2) सेवाओं तथा पदों के विभिन्न प्रवर्गों के लिये उम्मीदवारों के चयन हेतु राज्य सेवा मुख्य परीक्षा (लिखित वर्णनात्मक)
(3) साक्षात्कार।
राज्य सेवा प्रारंभिक परीक्षा – एमपीपीएससी पाठ्यक्रम 2022
2, प्रारंभिक परीक्षा में वस्तुनिष्ठ प्रकार (बहुविकल्पीय प्रश्न) के दो प्रश्न पत्र होंगे। प्रत्येक प्रश्नपत्र की रचना निम्नलिखित योजनानुसार की जायेगी
- प्रथम प्रश्न पत्र (सामान्य अध्ययन) – 2 घंटे 200 अंक
- द्वितीय प्रश्न पत्र (सामान्य अभिरूचि परीक्षण) – 2 घंटे 200 अंक
3, यह परीक्षा केवल छानबीन परीक्षण के रूप में ली जाती है। इस परीक्षा में प्राप्त अंको के आधार पर अभ्यर्थियों को मुख्य परीक्षा हेतु योग्य/अर्ह घोषित किया जाता है। अंतिम चयनसूची केवल मुख्य परीक्षा तथा साक्षात्कार में प्राप्त अंको के आधार पर निर्मित की जायेगी।
4, (1) दोनों प्रश्नपत्र वस्तुनिष्ठ प्रकार (बहुविकल्पीय प्रश्न) के होंगे। प्रत्येक प्रश्न के लिये चार सम्भाव्य उत्तर होंगे जिन्हें अ, ब, स और द में समूहीकृत किया जायेगा, जिनमें से एक सही उत्तर होगा उम्मीदवार से अपेक्षा की जाती है कि वह उत्तर पुस्तिका में उसके द्वारा 4.3.निर्णीत सही माने गये अ, ब, स, या द में केवल एक उत्तर पर चिन्ह लगाएं।
(2) प्रत्येक प्रश्नपत्र में 2-2 अंक के 100 प्रश्न होंगे। प्रत्येक प्रश्नपत्र 200 अंको का होगा तथा प्रत्येक प्रश्नपत्र की समयावधि 2 घंटे होगी। Negative Marking नहीं होगी।
(3) प्रारंभिक परीक्षा हेतु सामान्य अध्ययन तथा सामान्य अभिरुचि परीक्षण के विस्तृत पाठ्यक्रम परिशिष्ट-दो में यथा विनिर्दिष्ट हैं।
(4) प्रत्येक प्रश्न पत्र हिन्दी तथा अंग्रेजी में होगा।
(5) प्रारम्भिक परीक्षा उपरांत परीक्षा में पूछे गए प्रश्नों और उसके प्रावधिक उत्तर कुंजी तैयार कर आयोग की वेबसाइट www.mppsc.nic.in तथा www.mppsc.com पर प्रकाशित कर ऑनलाइन पद्धति से 07 दिवस की अवधि में आपत्तियां प्राप्त की जायेंगी। अभ्यर्थी प्रति प्रश्न 100 रुपये शुल्क तथा रूपय 40 प्रति सत्र पोर्टल शुल्क का भुगतान कर आपत्तियां ऑनलाइन जमा कर सकेंगे। अन्य किसी भी विधि से प्रस्तुत आपत्ति पर विचार नहीं किया जायेगा।
प्राप्त आपत्तियों पर विषय विशेषज्ञ समिति द्वारा विचार किया जायेगा। समिति द्वारा आपत्तियों पर विचार कर निम्नलिखित अनुसार कार्यवाही की जायेगी :
- ऐसे प्रश्न जिनका प्रावधिक उत्तर कुंजी में दिये गये विकल्पों में से गलत उत्तर दिया गया है और विकल्पों में अन्य विकल्प सही है तब प्रावधिक उत्तर कुंजी को संशोधित किया जायेगा।
- प्रश्न के हिन्दी तथा अंग्रेजी अनुवाद में भिन्नता की स्थिति में केवल हिन्दी अनुवाद ही मान्य होगा।
- ऐसे प्रश्न जिसका दिये गये विकल्पों में एक से अधिक सही उत्तर हैं, सभी सही उत्तरों को मान्य किया जाऐगा।
- ऐसे प्रश्न जिसका दिये गये विकल्पों में एक भी सही उत्तर न हो को प्रश्नपत्र से विलोपित किया जायेगा।
- विषय विशेषज्ञ समिति द्वारा समस्त अभ्यावेदनों पर विचार करने के पश्चात अंतिम उत्तर कुंजी बनाई जाएगी तथा आयोग द्वारा वेबसाइट www.mppsc.nic.in, www.mppscdemo.in तथा www.mppsc.com पर प्रकाशित की जाएगी । अंतिम उत्तर कुंजी के प्रकाशन के पश्चात कोई भी आपत्ति/ पत्रव्यवहार मान्य नहीं किया जाऐगा। विषय विशेषज्ञ समिति का निर्णय अंतिम होगा।
- उपरोक्तानुसार समिति द्वारा विलोपित किए गये प्रश्नों को छोड़कर शेष प्रश्नों के आधार पर अंतिम उत्तर कुंजी के अनुसार अभ्यर्थियों का मूल्यांकन कर प्रारम्भिक परीक्षा परिणाम घोषित किया जायेगा।
विषय विशेषज्ञ समिति द्वारा समस्त अभ्यावेदनों पर विचार करने के पश्चात अंतिम उत्तर कुंजी बनाई जाएगी तथा आयोग की
वेबसाइट www.mppsc.nic.in तथा www.mppsc.com पर प्रकाशित की जाएगी। अंतिम उत्तर कुंजी के संदर्भ में कोई आपत्ति / अभ्यावेदन स्वीकार नहीं किया जायेगा।
उपरोक्तानुसार समिति द्वारा विलोपित किए गये प्रश्नों को छोड़कर शेष प्रश्नों के आधार पर अंतिम उत्तर कुंजी के आधार पर अभ्यर्थियों का मूल्यांकन कर प्रारम्भिक परीक्षा परिणाम घोषित किया जायेगा।
कुल रिक्तियों की संख्या से 15 गुना होगी तथा समान अंक प्राप्त (वर्गवार/श्रेणीवार) उम्मीदवारों को भी मुख्य परीक्षा हेतु अर्ह घोषित किया जायेगा। केवल वे ही उम्मीदवार, जिन्हें आयोग ने संबंधित विज्ञापन के अधीन प्रारंभिक परीक्षा में अर्ह घोषित किया हो, मुख्य परीक्षा में प्रवेश पाने के लिये पात्र होंगे। मुख्य परीक्षा की पात्रता हेतु उम्मीदवार को प्रारंभिक परीक्षा के प्रत्येक प्रश्न पत्र में न्यूनतम 40 प्रतिशत अंक प्राप्त करना आवश्यक होगा। अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति / अन्य पिछड़ा वर्ग एवं विकलांग श्रेणी के उम्मीदवार हेतु न्यूनतम अर्हकारी अंक 30 प्रतिशत होंगे।
विशेष :
राज्य सेवा प्रारम्भिक परीक्षा का द्वितीय प्रश्न पत्र केवल क्वालीफाइंग स्वरूप का होगा। अर्थात द्वितीय प्रश्नपत्र में न्यूनतम उत्तीर्णांक अर्जित करने वाले अभ्यर्थियों द्वारा प्रथम प्रश्न पत्र में प्राप्त अंकों के गुणानुक्रम के आधार पर प्रारम्भिक परीक्षा का परिणाम घोषित किया जाएगा। द्वितीय प्रश्न पत्र में प्राप्त अंकों को प्रारम्भिक परीक्षा परिणाम हेतु गुणानुक्रम निर्धारण में शामिल नहीं किया जाएगा।
सामान्य अध्ययन के चारों प्रश्न-पत्र हिन्दी तथा अंग्रेजी माध्यम में उपलब्ध होंगे। अभ्यर्थी केवल उस भाषा में परीक्षा दे सकेगा जो उसने अपने मुख्य परीक्षा के आवेदन पत्र में माध्यम के रूप में चयनित किया है। परीक्षा के प्रश्न पत्रों में प्रश्नों की संख्या प्रश्नों का प्रकार तथा उत्तर हेतु शब्द सीमा का मार्गदर्शी प्रारूप निम्नानुसार है:
1.सामान्य ज्ञान के प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय प्रश्नपत्र में दो खण्ड अ तथा ब रहेंगे। प्रत्येक खण्ड 150 अंकों का होगा। प्रत्येक खण्ड के लिये पृथक उत्तर पुस्तिका प्रदान की जायेगी।
- अभ्यर्थी को संबंधित खण्ड “अ” के प्रश्नों के उत्तर उसी खण्ड “अ” हेतु निर्धारित उत्तर पुस्तिका में ही लिखना अनिवार्य है।
- अभ्यर्थी को संबंधित खण्ड “ब” के प्रश्नों के उत्तर उसी खण्ड “ब” हेतु निर्धारित उत्तर पुस्तिका में ही लिखना अनिवार्य है।
- अभ्यर्थी को पहले खण्ड “अ” हेतु निर्धारित उत्तर पुस्तिका प्रदान की जाएगी। खण्ड “ब” हेतु निर्धारित उत्तर पुस्तिका कम कम 30:00 मिनट पश्चात ही प्रदान की जाएगी।
- खण्ड “अ” तथा खण्ड “ब” के विषय अलग-अलग हैं, अतः संबंधित खण्ड की उत्तर पुस्तिका में उत्तर न लिखने पर उसका मूल्यांकन किया जाना संभव नहीं है। इसलिए संबंधित खण्ड में उत्तर न लिखने पर उत्तर को “विषय से बाहर का माना जा कर मूल्यांकित नहीं किया जाएगा तथा संबंधित खण्ड में “0” शून्य अंक प्रदान किये जाएंगे। साथ ही संबंधित उत्तर पुस्तिका में उत्तर का न लिखना पहचान प्रदर्शित करने का प्रकरण मानकर तदनुसार कार्यवाही की जा सकेगी।
- प्रत्येक खण्ड में 15 अति लघु उत्तर 10 लघु उत्तर एवं 03 निबंधात्मक प्रश्न होंगे। प्रश्नों की संख्या को आवश्यकतानुसार कम या अधिक किया जा सकेगा।
2, चतुर्थ प्रश्न पत्र में एक ही खण्ड रहेगा तथा प्रश्न पत्र में 15 लघुस्तरीय तथा 15 लघुस्तरीय संक्षिप्त टिप्पणियां सम्मिलित रहेगी तथा एक या दो केस स्टडी से संबंधित लघुस्वरूप के प्रश्न पूछे जायेंगे। प्रश्नों की संख्या में परिवर्तन किया जा सकता है।
3, सामान्य अध्ययन के प्रथम, द्वितीय, तृतीय तथा चतुर्य प्रश्न पत्र हिन्दी व अंग्रेजी माध्यम में प्रदान किये जायेगे। अभ्यर्थी द्वारा हिन्दी या अंग्रेजी माध्यम में से एक भाषा में उत्तर लिखने का विकल्प का चयन किया जा सकता है।
प्रथम प्रश्न पत्र – mppsc syllabus 2022
प्रथम प्रश्न पत्र में दो खण्ड होंगे। प्रत्येक खण्ड हेतु पृथक-पृथक उत्तर पुस्तिका प्रदान की जाएँगी
प्रथम प्रश्न पत्र के पाठ्यक्रम के बिन्दु क्रमांक-1 से 1.7 तक इस खण्ड़ में सम्मिलित रहेंगे। प्रश्नपत्र की रचना का स्वरूप निम्नानुसार रहेगा:
प्रश्न क्रमांक – 01 – इस प्रश्न में कुल A से 0 तक कुल 15 अत्यन्त लघुस्वरूप के प्रश्न रहेंगे जिनका उत्तर एक या दो पंक्तियों में देना होगा। अनुमानित प्रत्येक प्रश्न के शब्द सीमा 15 होगी। आंतरिक विकल्प नहीं रहेगा। प्रत्येक प्रश्न 03 अंकों का होगा इस प्रकार यह प्रश्न कुल 15 x 3-45 अंकों का होगा।
प्रश्न क्रमांक – 02 – इस प्रश्न में कुल- A से J तक कुल 10 प्रश्न लघुस्वरूप के रहेंगे जिनका उत्तर 100 शब्दों में देना होगा। प्रत्येक प्रश्न 6 अंकों का होगा इस प्रकार यह प्रश्न कुल 10 x 6 = 60 अंकों का होगा। इसमें आंतरिक विकल्प दिया जा सकेगा।
प्रश्न क्रमांक – 03 – A B एवं C कुल- 03 प्रश्न दीर्घ उत्तरीय या निबंधात्मक होंगे जिनकी प्रत्येक शब्द सीमा लगभग 300 शब्द होगी तथा प्रत्येक प्रश्न 15 अंकों का होगा। इस प्रकार कुल 15 x 3 = 45 अंकों का होगा। आंतरिक विकल्प दिया जा सकेगा। इस प्रकार यह खण्ड 150 अंकों का होगा।
खण्ड (अ)
प्रथम प्रश्न पत्र के पाठ्यक्रम के बिन्दु क्रमांक-2 से 4.3 तक इस खण्ड में सम्मिलित रहेंगे। प्रश्नपत्र की रचना का स्वरूप निम्नानुसार रहेगा:
प्रश्न क्रमांक – 01 – इस प्रश्न में कुल- A से 0 तक कुल 15 अत्यन्त लघुस्वरूप के प्रश्न रहेंगे जिनका उत्तर एक या दो पंक्तियों में देना होगा। आंतरिक विकल्प नहीं रहेगा। प्रत्येक प्रश्न 03 अंकों का होगा इस प्रकार यह प्रश्न कुल 15X3 = 45 अंकों का होगा।
प्रश्न क्रमांक – 02 – इस प्रश्न में कुल- A से J तक कुल 10 प्रश्न लघुस्वरूप के रहेंगे जिनका उत्तर 100 शब्दों में देना होगा। प्रत्येक प्रश्न 6 अंकों का होगा इस प्रकार यह प्रश्न कुल 10×6= 60 अंकों का होगा। इसमें आंतरिक विकल्प दिया जा सकेगा।
प्रश्न क्रमांक – 03 – A B एवं C कुल- 03] प्रश्न दीर्घ उत्तरीय या निबंधात्मक होंगे जिनकी प्रत्येक शब्द सीमा लगभग 300 शब्द होगी तथा प्रत्येक प्रश्न 15 अंकों का होगा। इस प्रकार कुल 15X3 = 45 अंकों का होगा। आंतरिक विकल्प दिया जा सकेगा। इस प्रकार यह खण्ड 150 अंकों का होगा।
द्वितीय प्रश्न पत्र – mppsc syllabus 2022
दुद्वितीय प्रश्न पत्र में दो खण्ड होगें। प्रत्येक खण्ड के लिए पृथक उत्तर पुस्तिका प्रदान की जायेगी।
खण्ड (अ)
द्वितीय प्रश्न पत्र के पाठ्यक्रम में 1 से 3.12 तक का भाग इसमें सम्मिलित रहेगा प्रश्नपत्र की रचना का स्वरूप निम्नानुसार रहेगा:
प्रश्न क्रमांक – 01 – इस प्रश्न में कुल- A से 0 तक तक कुल 15 अत्यन्त लघुस्वरूप के प्रश्न रहेंगे जिनका उत्तर एक या दो पंक्तियों में देना होगा आंतरिक विकल्प नहीं रहेगा। प्रत्येक प्रश्न 03 अंकों का होगा इस प्रकार यह प्रश्न कुल 15 x 3= 45 अंकों
प्रश्न क्रमांक – 02 – इस प्रश्न में कुल – A से J तक कुल 10 प्रश्न लघुस्वरूप के प्रश्न रहेंगे प्रत्येक उत्तर लगभग 100 शब्दों में देना होगा। प्रत्येक प्रश्न 06 अंकों का होगा इस प्रकार यह प्रश्न कुल 10 x 6=60 अंकों का होगा। इसमें आंतरिक विकल्प दिया जा सकेगा।
प्रश्न क्रमांक – 03 – A, B एवं C कुल- 03 प्रश्न दीर्घ उत्तरीय या निबंधात्मक होंगे जिनकी प्रत्येक शब्द सीमा लगभग 300 शब्द होगी तथा प्रत्येक प्रश्न 15 अंकों का होगा। इस प्रकार कुल 15 x 3=45 अंकों का होगा। आंतरिक विकल्प दिया जा सकेगा। इस प्रकार यह खण्ड 150 अंकों का होगा।
खण्ड ( बं )
द्वितीय प्रश्न पत्र के पाठ्यक्रम के बिन्दु क्रमांक-4 से 10.4 तक इस खण्ड में सम्मिलित रहेंगे प्रश्नपत्र की रचना का स्वरूप निम्नानुसार रहेगा:
प्रश्न क्रमांक 01 – इस प्रश्न में कुल-A से O तक तक कुल 15 अत्यन्त लघुस्वरूप के प्रश्न रहेंगे जिनका उत्तर एक या दो पंक्तियों में देना होगा आंतरिक विकल्प नहीं रहेगा। प्रत्येक प्रश्न 03 अंकों का होगा इस प्रकार यह प्रश्न कुल 15 X 3-45 अंकों का होगा।
प्रश्न क्रमांक 02 – इस प्रश्न में कुल- A से J तक कुल 10 प्रश्न लघुस्वरूप के प्रश्न रहेंगे प्रत्येक उत्तर लगभग 100 शब्दों में देना होगा। प्रत्येक प्रश्न 06 अंकों का होगा इस प्रकार यह प्रश्न कुल 10 X 6=60 अंकों का होगा। इसमें आंतरिक विकल्प दिया जा सकेगा।
प्रश्न क्रमांक 03 – A, B एवं C कुल- 03 प्रश्न दीर्घ उत्तरीय या निबंधात्मक होंगे जिनकी प्रत्येक शब्द सीमा लगभग 300 शब्द होगी तथा प्रत्येक प्रश्न 15 अंकों का होगा। इस प्रकार कुल 15X3-45 अंकों का होगा। आंतरिक विकल्प दिया जा सकेगा। इस प्रकार यह खण्ड 150 अंकों का होगा।
तृतीय प्रश्न पत्र
तृतीय प्रश्न पत्र मे दो खण्ड होगें। प्रत्येक खण्ड के लिए पृथक उत्तर पुस्तिका प्रदान की जायेगी।
खण्ड ( अ )
तृतीय प्रश्न पत्र के पाठ्यक्रम के बिन्दु क्रमांक 1 से 6.6 तक इस खण्ड में सम्मिलित रहेंगे। प्रश्न पत्र की रचना का स्वरूप निम्नानुसार रहेगा:
प्रश्न क्रमांक 01 – इस प्रश्न में कुल-A से 0 तक तक कुल 15 अत्यन्त लघुस्वरूप के प्रश्न रहेंगे जिनका उत्तर एक या दो पंक्तियों में देना होगा। आंतरिक विकल्प नहीं रहेगा। प्रत्येक प्रश्न 03 अंकों का होगा इस प्रकार यह प्रश्न कुल 15 x 3=45 अंकों का होगा।
प्रश्न क्रमांक 02 – इस प्रश्न में कुल-A से J तक कुल 10 प्रश्न लघुस्वरूप के प्रश्न रहेंगे प्रत्येक उत्तर लगभग 100 शब्दों में देना होगा। प्रत्येक प्रश्न 06 अंकों का होगा इस प्रकार यह प्रश्न कुल 10 x 6=60 अंकों का होगा। इसमें आंतरिक विकल्प दिया जा सकेगा।
प्रश्न क्रमांक 03 – A B एवं C कुल- 03 प्रश्न दीर्घ उत्तरीय या निबंधात्मक होंगे जिनकी प्रत्येक शब्द सीमा लगभग 300 शब्द होगी तथा प्रत्येक प्रश्न 15 अंकों का होगा। इस प्रकार कुल 15 x 3-45 अंकों का होगा। आंतरिक विकल्प दिया जा सकेगा। इस प्रकार यह खण्ड 150 अंकों का होगा।
खण्ड ( बं )
तृतीय प्रश्न पत्र के पाठ्यक्रम के बिन्दु क्रमांक 7 से 7.17 तक इस खण्ड में सम्मिलित रहेंगे। प्रश्नपत्र की रचना का स्वरूप निम्नानुसार रहेगा:
प्रश्न क्रमांक 01 – इस प्रश्न में कुल- A से 0 तक तक कुल 15 अत्यन्त लघुत्वरूप के प्रश्न रहेंगे जिनका उत्तर एक या दो पंक्तियों में देना होगा। आंतरिक विकल्प नहीं रहेगा। प्रत्येक प्रश्न 03 अंकों का होगा इस प्रकार यह प्रश्न कुल 15 x 3-45 अंकों का होगा।
प्रश्न क्रमांक 01 – इस प्रश्न में कुल-A से J तक कुल 10 प्रश्न लघुस्वरूप के प्रश्न रहेंगे प्रत्येक उत्तर लगभग 100 शब्दों में देना होगा। प्रत्येक प्रश्न 06 अंकों का होगा इस प्रकार यह प्रश्न कुल 10 x 6=60 अंकों का होगा। इसमें आंतरिक विकल्प दिया जा सकेगा।
प्रश्न क्रमांक 01 – प्रश्न क्रमांक 03 A, B एवं C कुल 03 प्रश्न दीर्घ उत्तरीय या निबंधात्मक होंगे जिनकी प्रत्येक शब्द सीमा लगभग 300 शब्द होगी तथा प्रत्येक प्रश्न 15 अंकों का होगा। इस प्रकार कुल 15 x 3=45 अंकों का होगा। आंतरिक विकल्प दिया जा सकेगा। इस प्रकार यह खण्ड 150 अंकों का होगा।
चतुर्थ प्रश्न पत्र – mppsc syllabus 2022
- इस प्रश्न पत्र में पहला प्रश्न अति लघुस्तरीय होगा। जिनके उत्तर या एक या दो पंक्तियों में देना होंगे। आंतरिक विकल्प नहीं दिया जायेगा। यह प्रश्न कुल 15 x 3-45 अंकों का होगा।
- प्रश्न क्रमांक-02 से 16 तक कुल-15 प्रश्न लघुस्तरीय टिप्पणी के होंगे जिनकी शब्द सीमा लगभग 150 शब्द होगी। प्रत्येक प्रश्न 06 अंकों का होगा। इस प्रकार कुल 15 x 6=90 अंकों का होगा।
- प्रश्न क्रमांक – 17 तथा 18 में पाठ्यक्रम से संबंधित 01 या 02 केस स्टडी दी जायेगी कुल कैस स्टडी के आधार पर कुल 65 अंकों के लघुस्वरूप के प्रश्न पूछे जायेंगे दो केस स्टडी सम्मिलित किये जाने पर प्रथम केस स्टडी से 30 अंक के द्वितीय कैस स्टडी से 35 अंक के प्रश्न पूछे जायेंगे।
पंचम प्रश्न पत्र – mppsc syllabus 2022
पांचवा प्रश्न पत्र- यह प्रश्न पत्र सामान्य हिन्दी का होगा, पहला प्रश्न लघु स्तरीय होगा जिसमें कुल 20 प्रश्न होंगे जिनका उत्तर 01 या 02 पंक्तियों में देना होगा तथा आंतरिक विकल्प नहीं रहेगा। प्रत्येक प्रश्न 03 अंकों का होगा इस प्रकार पहला प्रश्न 20 x 360 अंकों को होगा। प्रश्न क्रमांक-02 गंद्यांश के हिन्दी से अंग्रेजी अनुवाद का होगा। यह प्रश्न 20 अंकों का होगा। प्रश्न क्रमांक-03 से 10 तक कुल 08 प्रश्न होंगे। प्रत्येक प्रश्न 15 अंकों का होगा। प्रश्नों में आंतरिक विकल्प दिया जायेगा। इस प्रकार यह प्रश्न 200 अंकों को होगा।
षष्ठम प्रश्न पत्र – mppsc syllabus 2022
छटवां प्रश्नपत्र- यह प्रश्न पत्र हिन्दी निबंध लेखन का होगा प्रश्न पत्र 03 खण्डों में विभाजित रहेगा। प्रत्येक खण्ड में आंतरिक विकल्प रहेगा। प्रथम खण्ड में लगभग 1000 शब्दों में हिन्दी में निबंध लिखना होगा। द्वितीय खण्ड में लगभग 250 शब्दों में हिन्दी में निबंध लिखना होगा तथा तृतीय खण्ड में भी लगभग 250 शब्दों में हिन्दी में निबंध लिखना होगा ।
टीप- अभ्यर्थी को प्रत्येक प्रश्नपत्र में 40 प्रतिशत अंक प्राप्त करना अनिवार्य है अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग तथा दिव्यांगजन श्रेणी के अभ्यर्थियों के लिए न्यूनतम अर्हकारी अंक 30 प्रतिशत होंगे।
राज्य सेवा प्रारंभिक परीक्षा पाठ्यक्रम – mppsc syllabus 2022
1 सामान्य विज्ञान एवं पर्यावरण
- सामान्य विज्ञान एवं पर्यावरण (पर्यावरणीय परिस्थितिकी, जैव विविधता तथा मौसम परिवर्तन) पर प्रश्नों में दैनंदिन (रोजमर्रा) अवलोकन एवं अनुभव से सम्बन्धित प्रश्न जो किसी भी शिक्षित व्यक्ति द्वारा अपेक्षित है और जिन्होंने इन विषयों का विशेष अध्ययन नहीं किया हो, सम्मिलित होंगे।
2 राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय महत्व की वर्तमान घटनाएँ
- वर्तमान घटनाओं में प्रमुख राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के ज्ञान का परीक्षण किया जावेगा।
3 भारत का इतिहास एवं स्वतंत्र भारत
- इतिहास में सामाजिक, आर्थिक एवं राजनैतिक पहलुओं से सम्बन्धित सामान्य ज्ञान के प्रश्न होंगे। राष्ट्रीय आन्दोलन एवं स्वतंत्र भारत के विकास के प्रश्न भी पूछे जायेंगे।
4, (क) भारत का भूगोल
- भौतिक, सामाजिक एवं आर्थिक भूगोल के सामान्य ज्ञान के प्रश्न होंगे। इसमें भारतीय कृषि एवं प्राकृतिक संसाधनों का समावेश होगा तथा भारतीय जनांकिकीय एवं जनगणना से सम्बन्धित प्रश्न होंगे।
(ख) विश्व की सामान्य भौगोलिक जानकारी।
5, भारतीय राजनीति एवं अर्थव्यवस्था
- इसमें देश की राजनैतिक व्यवस्था एवं संविधान, पंचायली राज, सामाजिक व्यवस्था, सतत् आर्थिक विकास, चुनाव, राजनीतिक दल, योजनाएँ, औद्योगिक विकास, विदेशी व्यापार, आर्थिक एवं वित्तीय संस्थाओं पर प्रश्न होंगे।
6, खेलकूद
- मध्यप्रदेश, भारत, एशिया एवं विश्व में खेले जाने वाले प्रमुख खेलकूद एवं खेल प्रतियोगिताओं, पुरस्कारों, व्यक्तित्व तथा प्रतिष्ठित खेल संस्थानों से सम्बन्धित प्रश्न होंगे।
7, मध्यप्रदेश का भूगोल, इतिहास तथा संस्कृति
- मध्यप्रदेश के भूगोल में पर्वतों के विकास, नदियां, जलवायु, वनस्पतियों, जीवजन्तु, खनिज, परिवहन से सम्बन्धित प्रश्न होगे। मध्यप्रदेश के इतिहास एवं संस्कृति में प्रसिद्ध राजवंशों का योगदान, जनजातियां, कला, स्थापत्य कला, ललित कलाओं एवं ऐतिहासिक व्यक्तियों पर भी प्रश्न होंगे। मध्यप्रदेश की राजनीति एवं अर्थव्यवस्था
8, इसमें प्रदेश की राजनैतिक व्यवस्था,
- राजनीतिक दलों एवं चुनाव, पंचायतीराज, मध्यप्रदेश की सामाजिक व्यवस्था, सतत् आर्थिक विकास से संबंधित प्रश्न होंगे। इसमें उद्योग योजनाएं, आर्थिक कार्यक्रम, व्यापार, मध्यप्रदेश की जनांकिकीय एवं जनगणना पर प्रश्न भी सम्मिलित होंगे।
9, सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी
- इसमें अभिलक्षण, प्रयोग और शब्दावलियों, जैसे वेबसाईट, ऑनलाइन सर्च इंजिन, ई-मेल, वीडियो मेल, चेटिंग, वीडियो कान्फ्रेन्स, हेकिंग क्रेकिंग, वायरस और सायबर अपराध से सम्बन्धित प्रश्न सम्मिलित होंगे।
10, अनुसूचित जाति एवं जनजाति (अत्याचार निवारण अधिनियम) 1989 एवं सिविल अधिकार संरक्षण अधिनियम, 1955.
11, मानव अधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993,
द्वितीय प्रश्नपत्रः- सामान्य अभिरूचि परीक्षण – mppsc syllabus 2022
- बोधगम्यता
- संचार कौशल सहित अंतर वैयक्तिक कौशल
- तार्किक कौशल एवं विश्लेषणत्मक क्षमता
- निर्णय लेना एवं समस्या समाधान
- सामान्य मानसिक योग्यता
- आधारभूत संख्यनन (संख्यायें एवं उनके संबंध, विस्तार क्रम आदि दसवीं कक्षा का स्तर), आंकड़ों का निर्वाचन (चार्ट, ग्राफ, तालिका,आंकड़ों की पर्याप्तता आदि दसवीं कक्षा का स्तर)
- हिन्दी भाषा में बोधगम्यता कौशल (दसवीं कक्षा का स्तर )
टिप्पणी: दसवीं कक्षा के स्तर के हिन्दी भाषा के बोधगम्यता कौशल से संबंध प्रश्नों का परीक्षण, प्रश्नपत्र में केवल हिन्दी भाषा के उद्धरणों के माध्यम से, अंग्रेजी अनुवाद उपलब्ध कराये बिना किया जायेगा।
राज्य सेवा मुख्य परीक्षा पाठ्यक्रम प्रश्न पत्र | सामान्य अध्ययन – एमपीपीएससी पाठ्यक्रम
1 इतिहास एवं संस्कृति
- विश्व इतिहास – पुनर्जागरण इंग्लैंड की क्रांति, फ्रांस की क्रांति, औद्योगिक क्रांति रूसी क्रांति, प्रथम एवं द्वितीय विश्व युद्ध
- भारतीय इतिहास भारत का राजनीतिक, आर्थिक एवं सामाजिक इतिहास, | हड़प्पा सभ्यता से 10 वीं शताब्दी तक
- मुगल और उनका प्रशासन, मिश्रित संस्कृति का उद्भव
- ब्रिटिश शासन का भारतीय अर्थव्यवस्था एवं समाज पर प्रभाव
- ब्रिटिश शासन के प्रति भारतीयों की प्रतिक्रिया: कृषक एवं आदिवासियों का विद्रोह, प्रथम स्वतंत्रता आंदोलन/संग्राम
- 7 भारतीय पुनर्जागरणः राष्ट्रीय स्वतंत्रता आंदोलन एवं इसके नेतृत्वकर्ता (मध्यप्रदेश के विशेष संदर्भ में)।
- गणतंत्र के रूप में भारत का उदय राज्यों का पुनर्गठन मध्यप्रदेश का गठन, स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात् के प्रमुख घटनाक्रम
- मध्यप्रदेश के विशेष संदर्भ में भारतीय सांस्कृतिक विरासतः प्राचीन काल से आधुनिक काल तक विभिन्न कला प्रारूपों, साहित्य, पर्व (उत्सवाँ)
- वास्तुकला के प्रमुख पक्ष ।
- भारत में विश्व धरोहर स्थल, मध्यप्रदेश में पर्यटन
खंड (ब)
2, भूगोल
- भारत एवं विश्व भौतिक भूगोल की प्रमुख विशेषताए/लक्षण ।
- प्रमुख प्राकृतिक संसाधनों का वितरण,
- मध्यप्रदेश के जलवायु क्षेत्र एवं उद्योग
- भारत एवं मध्यप्रदेश की जनांकिकी, मध्यप्रदेश की जनजातियां, आपदाग्रस्त जनजातियों के विशिष्ट संदर्भ में
- कृषि पारिस्थितिकी एवं मनुष्य के लिये इसकी प्रासंगिकता, धारणीय प्रबंधन एवं संरक्षण राज्य की प्रमुख फसले कृषि जोत क्षेत्र एवं फसल चक्र, फसलों के उत्पादन और वितरण का भौतिक और सामाजिक पर्यावरण राज्य में बीज एवं खाद की गुणवत्ता एवं आपूर्ति, कृषि के तरीके, बागवानी, मुर्गी पालन, डेयरी, मछली एवं पशु पालन आदि के मुद्दे एवं समस्याएँ, कृषि उत्पादन, परिवहन, भण्डारण एवं विपणन आदि से संबंधित समस्याएँ एवं चुनौतियाँ
- मृदा मृदा के भौतिक, रासायनिक एवं जैविक गुण, मृदा निर्माण की प्रक्रिया एवं मृदा के खनिज एवं कार्बनिक तत्व तथा भूमि की उत्पादकता बनाये रखने में इनका योगदान मृदा एवं वनस्पति में आवश्यक वनस्पति पौषक और विभिन्न लाभदायक तत्व समस्याग्रस्त मृदा और उसके परिष्कार के तरीके, मध्यप्रदेश में मृदा क्षरण और हास की समस्यायें जलग्रहण आधार पर मृदा संरक्षण नियंजन।
- भारत में खाद्य प्रसंस्करण एवं संबंधित उद्योग संभावनाएं एवं महत्व, स्थान निर्धारण, उद्योग की पूर्ववर्ती एवं अग्रवर्ती आवश्यकताएँ, मांग पूर्ति श्रृंखला प्रबंधन
- भारत में भूमि सुधार।
- जल प्रबंधन
- भू-जल एवं जल संग्रहण प्रबंधन।
- जल का उपयोग एवं कुशल सिंचाई प्रणाली।
- पेयजल आपूर्ति, जल की अशुद्धता के कारक एवं गुणवत्ता का प्रबंधन
- आपदा एवं आपदा प्रबंधन
- मानव निर्मित एवं प्राकृतिक आपदाएँ: आपदा प्रबंधन की अवधारणाएं एवं विस्तार की संभावनाऐं, विशिष्ट खतरे एवं उनका शमन
- सामुदायिक योजना: संसाधन मानचित्रण, राहत एवं पुनर्वास, निरोधक एवं प्रशासनिक उपाय, सुरक्षित निर्माण, वैकल्पिक संचार एवं जीवन रक्षा हेतु दक्षता ।
- केस स्टडी (प्रकरण अध्ययन) चेरनोबिल परमाणु संयंत्र त्रासदी 1986, भोपाल गैस त्रासदी 1984, कच्छ भूकंप 2001, भारतीय सुनामी 2004, फुकुसिमा डायची जापान परमाणु आपदा 2011, उत्तराखंड बाढ़ 2013, उज्जैन त्रासदी 1994, इलाहाबाद कुंभ की भगदड़ 2013. जम्मू एवं कश्मीर की बाढ़ 2014 आदि का अध्ययन
प्रश्न पत्र 2 सामान्य अध्ययन – एमपीपीएससी पाठ्यक्रम
खण्ड “अ”
- संविधान, शासन की राजनैतिक एवं प्रशासनिक संरचना
संविधान निर्माण समिति, भारत का संविधान प्रस्तावना बुनियादी संरचना, मौलिक अधिकार एवं कर्तव्य एवं राज्य के नीति निदेशक सिद्धांत, संविधान की अनुसूचियां, संवैधानिक संशोधन, भारत के संविधान की अन्य देशों के संविधानों के साथ तुलना - केन्द्र एवं राज्य विधायिका
- केन्द्र एवं राज्य कार्यपालिका।
- न्यायपालिका सर्वोच्च न्यायालय, उच्च न्यायालय, जिला एवं अधीनस्थ न्यायालय, न्यायपालिका की अवमानना
- भारतीय संघ की प्रकृति केन्द्र एवं राज्यों के संबंध, शक्तियों का विभाजन (केन्द्र सूची, राज्य सूची एवं समवर्ती सूची) संसाधनों का वितरण
- विकेन्द्रीकरण एवं लोकतंअत्रिक शासन में जनभागीदारी, स्थानीय शासन, संविधान के एवं 74वें संशोधन, पंचायत, नगर पालिकाएँ
- ग्रामीण एवं नगरीय, स्थानीय शासन ) लोकपाल, लोकायुक्त एवं लोक न्यायालय न्यायपालिका संवैधानिक व्यवस्था के संरक्षण प्रहरी के रूप में न्यायिक सक्रियता, जनहित याचिका |
- जवाबदेही एवं अधिकार प्रतिस्पर्धा आयोग, उपभोक्ता न्यायालय, सूचना आयोग, महिला आयोग, मानव अधिकार आयोग, अजा/अजजा/अपिव आयोग एवं अन्य निवारण संस्थाएँ / प्राधिकरण पारदर्शिता एवं जवाबदेही सूचना का अधिकार, सेवा प्राप्ति का अधिकार, सार्वजनिक निधि का उपयोग ।
- लोकतंत्र की कार्य प्रणाली:
- राजनीतिक दल, राजनीतिक प्रतिनिधित्व, निर्णय प्रक्रिया में नागरिकों की भागीदारी ।
- निर्वाचन,
- निर्वाचन आयोग, निर्वाचन संबंधी सुधार।
- समुदाय आधारित संगठन (CBOs) एवं गैर सरकारी संगठनों (NGOs) का उद्भव स्व-सहायता समूह |
- मीडिया की भूमिका एवं समस्याएँ (इलेक्ट्रानिक, प्रिन्ट एवं सामाजिक)
- बाह्य एवं आन्तरिक सुरक्षा के मुद्दे
- सामाजिक एवं महत्वपूर्ण विधान:
- भारतीय समाज, सामाजिक बदलाव के एक साधन के रूप में सामाजिक विधान ।
- मानव अधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993
- भारतीय संविधान एवं आपराधिक विधि (दण्ड प्रक्रिया संहिता) के अंतर्गत महिलाओं को प्राप्त सुरक्षा (सीआरपीसी)
- घरेलू हिंसा से स्त्री का संरक्षण अधिनियम 2005
- सिविल अधिकार संरक्षण अधिनियम 1955
- अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989
- सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 3.8 पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम 1986
- उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986
- सूचना प्रादयौगिकी अधिनियम 2000
- भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988
- मध्यप्रदेश लोक सेवाओं के प्रदान की गारंटी अधिनियम-2010
खण्ड “ब”
- सामाजिक क्षेत्र स्वास्थ्य, शिक्षा एवं सशक्तिकरण
- स्वास्थ्य सेवायें भारत/मध्यप्रदेश में महिलाओं एवं बच्चों के संदर्भ में निरोधात्मक एवं उपचारात्मक स्वास्थ्य कार्यक्रम सभी के लिए उपचारात्मक स्वास्थ्य की उपलब्धता से संबंधित समस्याऐं चिकित्सकों एवं चिकित्सा सहायकों (पैरामेडिकल स्टाक) की उपलब्धता, ग्रामीण क्षेत्र में चिकित्सा सेवायें ।
- कुपोषण कारण और प्रभाव एवं पूरक पोषण हेतु शासकीय कार्यक्रम |
- प्रतिरक्षा शास्त्र के क्षेत्र में तकनीकी दखल प्रतिरक्षण, पारिवारिक स्वास्थ्य, बायोटेक्नोलोजी, संक्रामक एवं असंक्रामक बीमारियां एवं उनके उपचार ।
- जन्म-मृत्यु समंक (वायटल स्टेटिस्टिक्स)
- विश्व स्वास्थ्य संगठन उद्देश्य, संरचना, कार्य एवं कार्यक्रम |
शिक्षण प्रणाली
मानव संसाधन विकास में शिक्षा एक साधन, सार्वभौमिक/समान प्रारम्भिक शिक्षा, उच्चशिक्षा एवं तकनीकि शिक्षा व्यवसायिक शिक्षा की गुणवत्ता, बालिकाओं की शिक्षा से संबंधित मुद्दे वंचित वर्ग, निःशक्त जन से संबंधित मुद्दे
मानव संसाधन विकास:
कुशल मानव संसाधन की उपलब्धता भारत में मानव संसाधन की नियोजिता एवं उत्पादकता, रोजगार के विभिन्न चलन (ट्रेडर्स), विभिन्न संस्थाओं जैसे – एन. सी. एच.ई.आर. एन.सी.ई.आर.टी, एन.आई.ई.पी.ए. यू.जी.सी., ओपन विश्वविद्यालय, ए.आई.सी.टी.ई. एन.सी.टी.ई., एन.सी.व्ही.टी., आई.सी.ए.आर., आई.आई.टी., आई.आई.एम. एन.आई.टी. एन.एल.यू. एस. पोलीटेक्नीक एवं आई.टी.आई. आदि की भूमिका एवं मानव संसाधन विकास
कल्याणकारी कार्यक्रम
वृद्धजन, निःशक्त जन, बच्चों, महिलाओं, श्रम, सामाजिक रूप से वंचित वर्ग एवं विकास परियोजनाओं के फलस्वरूप विस्थापित वर्गों से संबंधित मुद्दे एवं कल्याणकारी कार्यक्रम लोक सेवाएं:
लोक सेवाएं,
अखिल भारतीय सेवाएं, केन्द्रीय सेवायें, राज्य सेवाएं, संवैधानिक पद- भूमिका कार्य और कार्य की प्रवृत्तिय संघ लोक सेवा आयोग, मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग शासन के बदलते प्रारूप के संदर्भ में केन्द्र एवं राज्य के प्रशिक्षण एवं प्रशिक्षण संस्थायें ।
लोक व्यय एवं लेखा
लोकव्यय पर नियंत्रण, संसदीय नियंत्रण, प्राक्कलन समिति, लोकलेखा समिति आदि । भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक का कार्यालय, मौद्रिक एवं वित्तीय नीति में वित्त मंत्रालय की भूमिका, मध्यप्रदेश के महालेखाकार का गठन एवं कार्य
- अंतर्राष्ट्रीय संगठन
- संयुक्त राष्ट्र एवं उसके सहयोगी संगठन
- अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष, विश्व बैंक एवं एशियाई विकास बैंक
- सार्क, ब्रिक्स, अन्य दुद्विपक्षीय एवं क्षेत्रीय समूह |
- विश्व व्यापार संगठन एवं भारत पर इसके प्रभाव
प्रश्न पत्र 3 – सामान्य अध्ययन
खण्ड “अ”
विज्ञान एवं तकनीकी:
- विज्ञान – हमारे आस-पास व्याप्त पदार्थ, तत्व, यौगिक, मिश्रण, धातुएँ और अधातुएँ, कार्बन और इसके यौगिक, अणु, परमाणु परमाणु की संरचना, रासायनिक अभिक्रियाएँ, अम्ल, क्षार एवं लवण |
- जीव, जीवों के प्रकार, ऊतक, जीवन की इकाई, कोशिका, जैविक क्रियाएँ, चयापचय, नियंत्रण और सामंजस्य, प्रजनन, आनुवांशिकी एवं जैव विकास ।
- गुरुत्वाकर्षण, गति, बल, गति के नियम, कार्य और ऊर्जा प्रकाश, ध्वनि, विद्युत एवं चुम्बकत्व |
- तर्क एवं आंकड़ों की व्याख्या:
- आधार संख्याएँ और संधाख्यिकी (अंक और उनके संबंध) संभाविता
- आंकड़ों का प्रबंधन एवं व्याख्या (चार्ट, ग्राफ, तालिका तथ्यांकी, पर्याप्ता आदि)
- अनुपात और समानुपात, इकाई विधि, लाभ एवं हानि, प्रतिशत छूट, साधारण और चक्रवर्ती ब्याज ।
- क्षेत्रविधि, क्षेत्रफल, परिमाप, आयतन ।
- तार्किक शक्ति, विश्लेषणात्मक क्षमता और समस्या समाधान
- तकनीकी:
- विज्ञान एवं तकनीकी का सामाजिक और आर्थिक विकास में अनुप्रयोग, देषज तकनीकी तकनीकी हस्तान्तरण और नवीन तकनीकी का विकास
- पेटेन्ट और बौद्धिक सम्पदा के अधिकार (ट्रिप्स, ट्रिम्स)
- विज्ञान एवं तकनीकी के क्षेत्र में भारतीयों का योगदान ।विकासशील तकनीकी:
- नवीन तकनीकी जैसे सूचना और संचार तकनीकी, सुदूर संवेदन, अंतरिक्ष जी आय एस, जी पी एस, जैव प्रौद्योगिकी, नेनो तकनीकी, कृषि और अन्य संबंधित क्षेत्र, स्वास्थ्य, ई-गर्वनेन्स, यातायात, स्थानिक नियोजन, गृह एवं क्रीडा आदि में इनके अनुप्रयोग ।
- ऊर्जा:
- परंपरागत और गैर परंपरागत ऊर्जा संसाधन
- ऊर्जा प्रबंधनः मुद्दे और चुनौतियों
- वैकल्पिक ऊर्जा संसाधनों की वर्तमान स्थिति और भविष्य
- पर्यावरण एवं धारणीय विकास
- पर्यावरणीय क्षरण कारण प्रभाव एवं निदान |
- पर्यावरण संरक्षण विधियाँ, नीतियाँ और नियामक ढाँचा |
- पर्यावरण एवं विकास पर चर्चा ठोस, तरल अपशिष्ट, जल-मल, हानिकारक चिकित्सा अवशिष्ट एवं ई-वेस्ट का प्रबंधन
- जलवायु परिवर्तन: कारण और निदानात्मक उपाय
- पर्यावरणीय छाप और इससे निपटने की रणनीतियों ।
खण्ड “ब”
भारतीय अर्थव्यवस्था
- भारत में विकास का अनुभव
- मध्यप्रदेश में मन्द औद्योगिक विकास के कारण
- 1991 के बाद से हुए आर्थिक सुधार: औद्योगिक एवं वित्तीय क्षेत्र में सुधार, स्टाक बाजार एवं बैंकिंग प्रणाली ।
- उदारीकरण, निजीकरण एवं वैश्वीकरण
- भारतीय अर्थव्यवस्था की वर्तमान प्रवृत्तियों एवं चुनौतियों ।
- भारत में विकास का नियोजन ।
- राष्ट्रीय आय एवं लेखांकन की प्रणाली ।
- आधारभूत अधोसंरचना विकास एवं मुद्दे ।
- गरीबी, बेरोजगारी, क्षेत्रिय असंतुलन एवं प्रवजन
- नगरीय क्षेत्र के मुद्दे नगरीय विकास के मुद्दे (सामाजिक एवं आर्थिक संरचना) एवं निम्न आय वर्गीय समूह के लिये आवास
- ग्रामीण क्षेत्र के मुद्दे, ग्रामीण विकास (सामाजिक एवं आर्थिक संरचना) एवं ग्रामीण साख विकास का सूचकांक मानव विकास एवं आर्थिक विकास ।
- भारत और मध्यप्रदेश में सहकारिता आन्दोलन ।
- मध्यप्रदेश और भारतीय अर्थव्यवस्था में कृषि की महत्ता ।
- आर्थिक विकास के तत्व ।
- कृषि क्षेत्र एवं अन्य सामाजिक क्षेत्रों के लिये प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष सब्सीडी के मुद्दे ।
- लोक वितरण प्रणाली: उद्देश्य कार्यप्रणाली सीमायें, खाद्य सुरक्षा एवं बफर स्टॉक से संबंधित मुद्दे
प्रश्न पत्र IV सामान्य अध्ययन
1, मानवीय आवश्कताएँ एवं अभिप्रेरणा:
लोक प्रशासन में नैतिक सद्गुण एवं मूल्य प्रशासन में नैतिक तत्व-सत्यनिष्ठा, उत्तरदायित्व एवं पारदर्शिता, नैतिक तर्क एवं नैतिक दुविधा तथा नैतिक मार्गदर्शन के रूप में अन्तरात्मा, लोक सेवकों हेतु आचरण संहिता, शासन में उच्च मूल्यों का पालन |
2, दार्शनिक/विचारक, सामाजिक कार्यकर्ता/सुधारक:- महावीर, बुद्ध, कौटिल्य प्लेटो, अरस्तू, गुरुनानक, कबीर, तुलसीदास, रवीन्द्रनाथ टैगोर, राजा राम मोहन राय, स्वामी दयानंद सरस्वती स्वामी विवेकानंद, श्री अरविन्दो, मोहनदास करमचंद गांधी, सर्वपल्ली राधाकृष्णन, भीमराव रामजी अम्बेडकर, मौलाना अबुल कलाम आजाद, दीनदयाल उपाध्याय, राम मनोहर लोहिया आदि ।
3, मनोवृत्तिः विषयवस्तु, तत्व, प्रकार्य मनोवृत्ति का निर्माण, मनोवृत्ति परिवर्तन, प्रयोधक संप्रेषण, पूर्वाग्रह तथा विभेद, भारतीय संदर्भ में रूढ़िवादिता
4, अभिक्षमता एवं लोक सेवा हेतु आधारभूत योग्यताएं, सत्यजिष्ठा, निष्पक्षता एवं असमर्थकवादी वस्तुनिष्ठता, लोक सेवा के प्रति समर्पण, समानुभूति,सहिष्णुता एवं अशक्त वर्गों के प्रति संवेदना/करुणा ।
5, संवेगिक बुद्धि, अवधारणा, प्रशासन/शासन में इसकी उपयोगिता एवं अनुप्रयोग
6, भ्रष्टाचार भ्रष्टाचार के प्रकार एवं कारण भ्रष्टाचार का प्रभाव, भ्रष्टाचार को अल्पतम करने के उपाय, समाज, सूचनातंत्र, परिवार एवं विसलब्लोअर (Whistleblower) की भूमिका, अष्टाचार पर राष्ट्रसंघ की घोषणा (रवैया), भ्रष्टाचार का मापन, अंतर्राष्ट्रीय पारदर्शिता आदि
7, पाठ्यक्रम में सम्मिलित विषयवस्तु पर आधारित प्रकरणों का अध्ययन।
पंचम प्रश्नपत्र – सामान्य हिन्दी – एमपीपीएससी पाठ्यक्रम
इस प्रश्नपत्र का स्तर स्नातक परीक्षा उत्तीर्ण छात्रों के समकक्ष होगा। इसका उद्देश्य उम्मीदवार की पढ़ने, समझने और लेखन सही विचार व्यक्त करने की जाँच करना है।
सामान्यतः निम्नलिखित विषयों पर प्रश्न पूछे जायेंगे
(क) पल्लवन, सन्धि व समास
- दिये गए वाक्यों का व्यापक अर्थ (शब्द-सीमा 50 शब्द)
- सन्धि, समास व विराम चिन्ह
(ख) संक्षेपण
(ग) प्रारूप लेखन – शासकीय व अर्धशासकीय पत्र, परिपत्र, प्रपत्र, विज्ञापन, आदेश, पृष्ठांकन, अनुस्मारक (स्मरण लेखन (कोई दो)
(घ) प्रयोग शब्दावली तथा प्रारंभिक व्याकरण
- प्रशासनिक पारिभाषिक शब्दावली (हिन्दी व अंग्रेजी)
- मुहावरे अथवा कहावतें
- विलोम शब्द एवं समानार्थी शब्द
- तत्सम तद्भव शब्द
- पर्यायवाची शब्द
- शब्द युग्म
(इ) 1 अपठित गद्यांश
प्रतिवेदन (प्रशासनिक विधि, पत्रकारिता, साहित्य व सामाजिक)
(च) अनुवाद (वाक्यों का)
हिन्दी से अंग्रेजी एवं अंग्रेजी से हिन्दी
पेष्ठम प्रश्नपत्र – हिन्दी निबंध लेखन
प्रथम निबंध (लगभग 1000 शब्दों में) – अंक 50
दवितीय निबंध (लगभग 250 शब्दों में) – अंक 25
(3) तृतीय निबंध (लगभग 250 शब्दों में) – अंक 25
कुल योग – 100
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